रेवाड़ी: जिले की बावल नगर पालिका के चैयरमैन चुनाव में कांग्रेस समर्थित एडवोकेट वीरेंद्र सिंह ने बड़े बहुमत से जीत दर्ज की है और बीजेपी को यहाँ करारी हार का सामना करना पड़ा है. जीत दर्ज करने वाले एडवोकेट वीरेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी लड़ाई चुनाव में खड़े 11 उम्मीदवारों से नहीं थी. उनकी लड़ाई स्थानीय विधायक एवं सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल से थी. इसलिए नैतिकता के आधार पर डॉ बनवारी लाल को इस्तीफा दे देना चाहिए.
वहीँ मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा है कि ये छोटा चुनाव था. जिसके पीछे चुनाव प्रचार में कम समय मिलना , जातिगत समीकरण हार का बड़ा कारण रहा है. इसके आलावा बीजेपी प्रत्याशी रहे शिवनारायण ने कहा कि गुटबाजी के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
आपको बता दें कि बावल नगर पालिका में 13 वार्ड है. जिनमें कुल 10995 मतदाता है. जिनमें से 9300 वोट पोल हुई थी. चैयरमैन के लिए 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. यहाँ बीजेपी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार टिकट पर चुनावी मैदान में थे. जबकि कांग्रेस और जजपा के समर्थित उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे.
बीजेपी उम्मीदवार शिवनारायण के समर्थन में स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डॉ बनवारी लाल और बीजेपी पदाधिकारियों ने बीजेपी उम्मीदवार के लिए रोड़ शो किये थे और जमकर प्रचार-प्रसार किया था. बावजूद इसके सहकारिता मंत्री अपने उम्मीदवार को जीत नहीं पायें. जबकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में दिल्ली से सांसद सुशील गुप्ता ने बावल में रोड़ शो किया था.
एडवोकेट वीरेंद्र सिंह को 2996 वोट हांसिल करके विजयी रहें है. दुसरें नंम्बर पर चंद्रपाल चोकन को 1938 वोट, तीसरें स्थान पर बीजेपी के शिवनारायण को 1043 वोट मिले है. दीनदयाल सैनी को 1004 वोट, किरण मेहंदीरत्ता को 918 वोट, सुमेर सिंह को 620, हीरालाल को 318, धरमबीर को 103, आप आदमी पार्टी के सहीराम को महज 98 में वोट मिली है. रामकिशन महलावत को 84 वोट, बिजेंद्र कुमार को 53 वोट, और प्रदीप शर्मा को 24 वोट मिली है.
नवनिर्वाचित वार्ड पार्षद की सूची , वार्ड छह से निर्विरोध देवेन्द्र चुने जा चुके है.
नवनिर्वाचित एडवोकेट वीरेंद्र सिंह ने कहा ये जनता की जीत है. उनकी लड़ाई 11 उम्मीदवारों से न होकर स्थानीय मंत्री से थी. उन्होंने कांग्रेस पार्टी और भूपेन्द्र हुड्डा का आभार करने के साथ-साथ बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह का भी आभार जताया है कि वो बावल चुनाव में प्रचार के लिए नहीं आयें.
वहीँ बीजेपी उम्मीदवार ने हार का कारण आपसी गुटबाजी बताया है. जबकि सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा है कि जातिगत समीकरण और उनके उम्मीदवार को प्रचार के लिए समय ना मिल पाना हार की वजह रही है. उन्होंने कहा कि उनके उम्मीदवार को उम्र ज्यादा थी जो प्रचार ठीक तरीके से नहीं कर पायें और बाकी उम्मीदवारों ने काफी समय पहले से ही प्रचार शुरू किया हुआ था.