नौसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने के तरीके तलाशेगा कमांडरों का दूसरा सम्मेलन

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हाल के अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में क्षेत्र की भू-रणनीतिक स्थिति पर भी फोकस होगा

– हथियारों और भारतीय प्लेटफार्मों की तैयारी की समीक्षा करेंगे ऑपरेशनल एरिया कमांडर प्रमुख

नई दिल्ली। भारत की समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के इरादे से भारतीय नौसेना के कमांडर 31 अक्टूबर से 03 नवंबर तक दिल्ली में विचार मंथन करेंगे। सम्मेलन में नौसेना कमांडर हथियारों और सेंसर के प्रदर्शन तथा भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों की तैयारी की समीक्षा करेंगे। नौसेना कमांडरों का दूसरा सम्मेलन नौसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने के तरीकों की तलाश करेगा। कमांडरों का यह सम्मेलन दिल्ली में होना है, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संबोधित करेंगे।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल के अनुसार नौसेना कमांडरों का पहला सम्मेलन इसी साल 25-28 अप्रैल को दिल्ली के अफ्रीका एवेन्यू स्थित रक्षा कार्यालय परिसर में हुआ था। अब दूसरा संस्करण 31 अक्टूबर से 03 नवंबर तक नई दिल्ली में निर्धारित है। यह सम्मेलन सैन्य और रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्री मामलों पर चर्चा करने के लिए नौसेना कमांडरों को बेहतर मंच प्रदान करेगा। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में समुद्री सुरक्षा के कारण इस सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता है। सम्मेलन में हाल के अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में क्षेत्र की भू-रणनीतिक स्थिति पर भी फोकस किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करने के साथ ही उनसे बातचीत करेंगे। इसके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल सिंह, सेना प्रमुख मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे ताकि तीनों सेनाओं के बीच सामान्य परिचालन के लिए तालमेल बिठाया जा सके। इससे देश की सुरक्षा के प्रति त्रि-सेवा तालमेल और तत्परता बढ़ाने के रास्ते तलाशने में आसानी होगी। नौसेना ने भविष्य के दृष्टिकोण के साथ लड़ाकू, विश्वसनीय और एकजुट बल होने पर ध्यान केंद्रित किया है।

कमांडर मधवाल ने कहा कि नौसेना ने भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप पिछले कुछ वर्षों में अपने परिचालन कार्यों को बढ़ावा दिया है। ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में भारतीय नौसेना की स्थिति भी हाल के दिनों में बढ़ी है। भारतीय नौसेना आईओआर और उसके बाहर अनिश्चित भू-रणनीतिक स्थितियों के कारण उभरने वाली सभी समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है। सम्मेलन में भारतीय नौसेना के सभी ऑपरेशनल एरिया कमांडर प्रमुख, मैटेरियल, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा के लिए भाग लेंगे।

नौसेना कमांडर हथियारों एवं सेंसर के प्रदर्शन और भारतीय नौसेना प्लेटफार्मों की तैयारी की समीक्षा करेंगे। यह सम्मेलन समकालीन सुरक्षा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करके नौसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने, संचालन को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के तरीकों की तलाश करेगा। इसमें ‘मेक इन इंडिया’ के माध्यम से स्वदेशीकरण बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान देने के साथ हथियारों और सेंसरों के प्रदर्शन, आईएन प्लेटफार्मों की तैयारी और नौसेना की मौजूदा परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की जाएगी।

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