बिजली फैक्ट्री का मालिक बन गया हर गांव वासी, जानिए भारत के पहले ‘सूर्य ग्राम’ की कहानी

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गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित मोढेरा भारत का पहला 100 फीसदी सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाला गांव बन चुका है।

इन दिनों गुजरात का एक छोटा सा गांव मोढेरा (Modhera) पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल मेहसाणा जिले में स्थित यह गांव देश का पहला सौर विलेज बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोढेरा को भारत का पहला ‘सूर्य ग्राम’ (Surya Gram) घोषित किया है। सूर्य मंदिर के लिए दुनियाभर में प्रसिद्द मोढेरा अब 100 फीसदी सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाला गांव बन चुका है। यानी यह गांव अपनी जरूरत की बिजली का उत्पादन खुद सौर ऊर्जा के जरिए कर रहा है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर मोढेरा कैसे देश का पहला सौर विलेज बना? और इससे गांव के क्या-क्या बदलाव देखने को मिल रहा है?

हर घर की छत पर लगा है सोलर पैनल :

दरअसल इस गांव को सौर विलेज बनाने के लिए हर घर की छत पर एक किलोवॉट क्षमता वाले सोलर पैनल और सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। पूरे गांव में 1000 से अधिक सौर पैनल लगाए गए हैं। केंद्र और गुजरात सरकार की मदद से सभी सोलर सिस्टम को बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से जोड़ा गया है। दिन में पूरे गांव को सोलर सिस्टम के जरिए बिजली मिलती रहेगी, वहीं रात को बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के जरिए गांव को बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इस तरह से इस गांव को 24 घंटे सौर पैनल से बिजली मिलती रहेगी।

बिजली बिल में आई कमी, गांव को होगी कमाई :

सौर विलेज का सबसे बड़ा फायदा यहां रहने वाले ग्रामीणों को होगा। इससे ग्रामीणों को होने वाले बिजली खर्च में 60 से 100 फीसदी तक की गिरावट आएगी। इसके अलावा सोलर ऊर्जा से गांव को भी फायदा होगा, क्योंकि अपनी जरूरत की बिजली का उपयोग करने के बाद गांव बची हुई बिजली को सरकार को बेच देगा। इससे गांव को अतिरिक्त आमदनी होगी।

खेती बाड़ी में हुआ फायदा, इलेक्ट्रिक वाहन होंगे चार्ज :

सौर विलेज बनने से मोढेरा गांव के किसानों को भी फायदा होगा। अब उन्हें खेती-किसानी के लिए सस्ती और 24 घंटे बिजली नसीब हो पाएगी। इसके अलावा सौर ऊर्जा से इलेक्ट्रिक वाहन भी चार्ज हो सकेंगे। गांव में वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं।

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