भारत ने पांच महीने पहले ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया: मोदी

Share This Story

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत ने समयसीमा से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है और इससे देश में करीब 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ तथा भारत को 41,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी मुद्रा बचत और पिछले आठ वर्षों में किसानों को 40,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की आय हुई है।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यहां विज्ञान भवन में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर होने के बावजूद पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन भी उन्हीं के खाते में जाता है।

मोदी ने कहा, ‘‘आपको ये जानकर भी गर्व की अनुभूति होगी कि भारत इस लक्ष्य पर तय समय से पांच महीने पहले पहुंच गया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि साल 2014 में भारत में सिर्फ डेढ़ प्रतिशत इथेनॉल की पेट्रोल में ब्लेंडिंग होती थी।

उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने की वजह से 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ और भारत को 41,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी मुद्रा बचत हुई है तथा पिछले आठ वर्षों में किसानों को इथेनॉल मिश्रण से 40,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की आय हुई है।

मोदी ने देश के लोगों, किसानों और तेल निर्माता कंपनियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ मिट्टी के बिगड़ते स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे सुधारने के लिए जागरूक दायित्व कायम करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन है। जाने-माने आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ‘सद्गुरु’ ने मार्च 2022 में इस आंदोलन की शुरुआत की थी। उन्होंने 27 देशों से होकर 100 दिन की मोटरसाइकिल यात्रा शुरू की थी। पांच जून 100 दिन की यात्रा का 75वां दिन है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम हुआ है और इस दौरान मिट्टी को रसायन मुक्त बनाने, मिट्टी में रहने वाले जीवों को बचाने, मिट्टी की नमी को बनाए रखने तथा उस तक जल की उपलब्धता बढ़ाने, भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को हो रहे नुकसान को दूर करने और वनों का दायरा कम होने से मिट्टी के लगातार क्षरण को रोकने पर सरकार का ध्यान केंद्रित रहा।

मोदी ने कहा कि पहले देश के किसान के पास मिट्टी की गुणवत्ता को लेकर जानकारी का अभाव हुआ करता था और ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ अभियान चलाने से किसानों को बहुत लाभ हुआ है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में 22 करोड़ से ज्यादा ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ जारी किए गए हैं तथा मिट्टी की गुणवत्ता की जांच का एक बहुत बड़ा नेटवर्क भी तैयार हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वजह से किसानों की लागत में आठ से 10 प्रतिशत की बचत हुई है और उपज में बढ़ोतरी देखी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मिट्टी आज स्वस्थ हो रही है तो उत्पाद भी बढ़ रहा है। सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने की वजह से और अटल योजना की वजह से देश के अनेक राज्यों में मिट्टी की सेहत भी संवर रही है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत के वन क्षेत्र में 20,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक की वृद्धि हुई है और वन्यजीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज चाहे बाघ, हो या शेर हो या तेंदुए या फिर हाथी, सभी की संख्या देश में बढ़ रही है।’’

मोदी ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए आज भारत नवोन्मेष और पर्यावरणीय प्रौद्योगिकी पर लगातार जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि एलईडी बल्ब की उजाला योजना से सालाना लगभग 40 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन कम हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापति ऊर्जा उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था और उस लक्ष्य को उसने तय समय से नौ साल पहले ही हासिल कर लिया है।

मोदी ने अपने संबोधन का अंत यह कहते हुए किया, ‘‘मुझे पक्का विश्वास है कि दुनिया को मिट्टी के प्रति स्नेह तो पैदा हुआ ही होगा, लेकिन भारत की मिट्टी की ताकत का परिचय भी मिला होगा।’’

Join Channels

Share This Story

UPSE Coaching

Recent Post

Vote Here

What does "money" mean to you?
  • Add your answer