भिवानी: दुग्ध प्रतियोगिता में शरत की भैंस रही प्रथम

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भिवानी: पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग द्वारा भिवानी जिला के गांव सुई के पशु चिकित्सालय में 27 से 29 अक्टूबर तक तीन दिवसीय दुग्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दुग्ध प्रतियोगिता में कुल 10 मुर्राह नस्ल की भैंसों ने हिस्सा लिया, जिनमें 7 भैंसों का इनाम के लिए चयन किया गया। प्रतियोगिता में शरत, पवन व शमशेर की भैंस क्रमश: पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर रही।

पशु चिकित्सालय सुई के प्रभारी डॉ. जगबीर ढांडा ने बताया कि यह प्रतियोगिता पशु पालन विभाग के उप मंडलाधिकारी डॉ. प्रदीप के नेतृत्व में आयोजित की गई, जबकि डॉ. विजय सनसनवाल ने निर्णायक की भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में सूई निवासी शरत की भैंस 23.087 किलोग्राम दूध देकर प्रथम, पवन की भैंस 21.676 किलोग्राम दूध देकर दूसरे व शमशेर की भैंस 20.377 किलोग्राम दूध देकर तीसरे स्थान पर रही।

डॉ. ढांडा ने पशुपालकों को बताया कि उन्हें उत्तम नस्ल के पशु पालने चाहिए। सरकार पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए दूध प्रतियोगिता आयोजित करती रहती है। उन्हें पशुपालन विभाग के उत्तम नस्ल के बीज से ही अपने पशुओं को गर्भित करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि 18 से 22 किलोग्राम तक दूध देने वाली भैंस के पशुपालक को 15 हजार रुपये, 22 से 25 किलोग्राम तक दूध देने वाली भैंस के पशुपालक को 20 हजार रुपये तथा 25 किलोग्राम से अधिक दूध देने वाली भैंस के पशुपालक को 30 हजार रुपये देकर सम्मानित किया जाएगा। इनाम राशि पशुपालकों के खातों में डाली जाएगी।

इस मौके पर वीएलडीए जयसिंह वाल्मिकी ने बताया कि विभाग पशुपालकों की भलाई के लिए बीमा योजना, ऋण योजना, पीकेसीसी, अंत्योदय उत्थान योजना बीमारी से बचाने हेतु टीकाकरण जैसी योजनाओं को लागू करता है। पशुपालकों को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का फायदा उठाना चाहिए।

पशुपालक सुनील ने बताया कि उनकी भैंस ने प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि सभी पशुपालकों को चाहिए कि वे अच्छे सीमन का प्रयोग करें, ताकि वे भी ऐसी प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी कर इनाम के हकदार हो सकें।

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